खुशियों की आहट - 2

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मोहित की नींद खुली तो शाम के पाँच बज रहे थे. दोपहर को लंच में सैंडविच खाकर वह कुछ देर आराम करने के लिए बिस्तर पर लेटा था. उसके बाद कब उसे नींद आ गई, उसे पता ही नहीं चला. नींद खुलने पर मोहित कुछ देर तो बिस्तर में पड़ा रहा. ड्राइंगरूम से टी.वी. की आवाज़ आ रही थी. शांतिबाई टी.वी. देख रही होगी - उसने सोचा.