शुभसंकल्प

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"दीदी मैं दो दिन के लिए आपके पास रहने के लिए आना चाहती हूं",मीतू ने मुझसे फोन पर कहा ।उन दिनों मैं महाविद्यालय के कार्यों में कुछ अधिक व्यस्त थी और घर पर सुबह शाम कुछ समय अपने पति के साथ गुजारना पसंद करती थी या यूं कहूं अपने जीवन की सांध्य बेला में आए इस नए पात्र को‌ पढ़ने और समझने के लिए कुछ एकांत पल चाहती थी ।"मीतू आ जाना,आजकल मैं इनके साथ ही रह रही हूं। मम्मी पापा अभी इलाज के लिए दिल्ली रुक गए हैं",ऐसा बोलकर मुझे लगा शायद वो अब मम्मी के लौटने के बाद