अनुराग ने एक पल सोचने के लिए लिया और फिर दूसरे पल में गहरी सांस लेकर ममता की तरफ देखा। ममता भावहीन चेहरा लिए बिना पलक झपके अनुराग को ही देख रही थी। अनुराग बस झेंप कर रह गए। अंततः बिना किसी लाग लपेट के सीधी बास्त कहने में ही भलाई दिखी। अनुराग- ममता, मैं एक लड़की से प्यार करता था। देविका को पहली रात ही बता दिया था मैंने। झूठ की बुनियाद पर रिश्ता शुरू नही करना चाहता था और न ही देविका को धोखे में रखना चाहता था लेकिन उस लड़की को भूलना मेरे लिए असाध्य था तो साथ ही यह भी कह दिया कि उसे नही भूल सकता। तभी देविका ने यह पेंटिंग बनाई थी।