अफसर का अभिनन्दन - 15

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बनते –बिगड़ते फ्लाई ओवर यशवंत कोठारी जब भी सड़क मार्ग से गुजरता हूँ किसी न किसी बनते बिगड़ते फ्लाई ओवर पर नज़र पड़ जाती है.मैं समझ जाता हूँ सरकार विकास की तय्यारी कर रही है,ठेकेदार इंजिनियर कमिशन का हिसाब लगा रहे हैं और आस पास की जनता परेशान हो रही हैं टोल नाके वाले आम वाहन वाले को पीटने की कोशिश में लग जाते हैं.फ्लाई ओवर का आकार -प्रकार ही ऐसा होता हैं की बजट लम्बा चो डा हो जाता है.अफसरों की बांछे खिल जाती हैं .सड़क मंत्री संसद में घोषणा करते हैं और लगभग उसी समय सड़क पर