अदृश्य हमसफ़र - 19

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ममता जो सोई तो उसे उठाने में भाभी को पसीने बहाने पड़ गए। लाजमी भी था, रुकी हुई नींद, अनुष्का के ब्याह की थकान ऊपर से अनुराग के जीवन से जुड़ी बातें सुनकर जो मानसिक संताप से घिर कर सोई तो उठ नही पा रही थी। आंखे मलते हुए धीरे धीरे उठ बैठी। उनींदी अवस्था में जमहाइयाँ लेते लेते 5 मिनट लगे उसे वर्तमान में आने में। ढंग से आंखे खुली तो सामने भाभी हाथ में पानी का गिलास लेकर खड़ी थी। उनकी बगल में देविका भी मंद मंद मुस्कुराती हुई खड़ी थी। ममता की नजर देविका के चेहरे पर ठहर गयी।