ग़रीबी के आचरण - २

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जैसे ही श्रीकान्त अंकल जी ने अपने बेटे रोहन के साथ अपने उस किराए के मकान में पैर रखा, जहॉं वो अपने परिवार के साथ रहते थे। तो घर के दरवाज़े ठीक सामने श्रीकान्त अंकल जी की मॉं चारपाई पर बैठी हुई थीं। और उनका छोटा लड़का सोहन जिसकी उम्र क़रीब ग्याराह या फिर बारह वर्ष होगी, अपनी दादी माँ के पीछे खड़े होकर उनके बालों में सरसों के तेल से चम्पी कर रहा था। ऊपर छत वाला पंखा हल्की-सी आवाज़ करते हुए धीरे-धीरे घूम रहा था। जो शायद काफ़ी पुराना हो चुका था। जहॉं दादी चारपाई पर बैठकर सोहन