अच्छाईयां – ३०

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भाग – ३० छोटू और रंगा के लिए ऐसा दिन जिन्दगीमें शायद पहलीबार आया था की बड़ी होटल का बचाकुचा खाना नहीं मगर अन्दर बैठ के खाना मिला हो | पहले सूप आया | छोटू और रंगा तो देखते रहे की ये क्या है ? सूरजने उसे पीने के लिए ईशारा किया | सूरजने चमच से कैसे पिते है वो बताया मगर छोटू और रंगाने एकसाथ पूरा कटोरा हाथ में उठाया और वो पीने लगे | सामने के टेबल पे बैठा लड़का ये देखकर हंसने लगा | छोटू को पता नहीं था की वो क्यों हंस रहा था | छोटू