अदृश्य हमसफ़र - 16

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अनुराग की चेतना जैसे लुप्त हो गयी थी। उन्होंने कभी ख्वाबों में भी ममता के इतने करीबी स्पर्श की कामना नही थी। प्रेम तो किया उन्होंने लेकिन कभी भी अपनी मर्यादा को नही छोड़ पाये। आज जब भावातिरेक में ममता ने अनुराग को कस कर पकड़ा और उनकी गोदी में सिर रखकर रोने लगी तो उन्हें कुछ समझ ही नही आया कि क्या करें?