फोन की घंटीसंडे का दिन यानी कि सप्ताह का सबसे व्यस्त दिन और अगर आप वर्किंग वूमेन है तो समझ लीजिए ! मैं भी उनमें से एक ही हूं। दोपहर के 3:00 बज गए । मैंने जल्दी जल्दी हाथ चलाना शुरू कर दिया। पता था 3:30 बजे जरूर मम्मी का फोन आ जाएगवैसे भी व्यस्त रहने के कारण पूरे सप्ताह किसी से बात ही नहीं हो पाती तो संडे का दिन फिक्स था ,तब हम मां बेटी खुलकर अपने दिल की बातें करते। वैसे भी शादी के बाद मां -बेटी सहेलियां ही तो बन जाती है और जैसे ही मैं