जिन की मोहब्बत.. - भाग 4

(82)
  • 15.6k
  • 11
  • 5.3k

ज़ीनत ने सबा की अम्मी को कहा ।"खालाजान में घर जा रही हूं मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही , आप सबा को बोल देना l"ज़ीनत वहा से चली गई...!अचानक उसका सिर भारी होने लगा..l कंधो पर बोज बढने लगा उससे वहां खडा भी न रहा गया.. l अब आगे। भाग 4"ज़ीनत घर जा रही थीl उसे कुछ ऐसा मेहसूस होने लगा जैसे उसका शरीर भारी हो रहा होl कोई अनदेखी चीज उसके शरीर में आने को है ।ज़ीनत घर जा कर अपने बिस्तर