अच्छाईयां – २७

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भाग – २७ सूरज अब तेजधार के सिकंजेमें बुरी तरह से फंस रहा था | इन्स्पेक्टर तेजधार जानबूझ के ऐसा कर रहा था या वो सूरज को फ़साने की साजिस कर रहा था वो सूरज के लिए भी समझ पाना मुश्किल था | मगर गुलाबो के मिलने के बाद ये तय हो चूका था की सूरज को किसी भी हाल में वे करोडो के नायाब हीरे का पता लगाना बेहद जरुरी बन गया था | इसका राझ शायद ये तेजधार भी जान चूका होगा वरना वो मेरे पीछे क्यों पड़ा है ? सुलेमान जो सालो पहले डी.के. के लिए काम