असली आज़ादी वाली आज़ादी (भाग-4)

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भाग 3 से आगे- मनोरमा ने सभी के सामने चौहान साहब को चुनौती तो दे डाली पर उसके आगे क्या करना है और कैसे करना है उसे कुछ नही पता था। आधे गांव वाले तो डर ही गए थे कि अब तो चौहान या तो जान ले लेगा या तो मान ले लेगा। पीछे हटने में ही भलाई है। नन्नू के परिवार के लिए आगे का जीवन बिल्कुल भी आसान नही होने वाला था। अब दोनों बेटियों की फिक्र होने लगी थी और जिस तरह चौहान साहब का बेटा एक दरिंदे की तरह मनोरमा को देख रहा था। खतरा तो