अदृश्य हमसफ़र - 3

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ममता अतीत की सुनहरी यादों में गहरे तक डूबती जा रही थी कि ड्राइवर ने तन्द्रा भंग की। दीदी, मैं आपका इंतजार करता हूँ। आप जाकर अनु बिटिया को ले आइये। ममता एक पल को गाड़ी की पिछली सीट पर टेक लगाए खुद को सम्भालती रही फिर गहरी सांस लेकर गाड़ी से उतर चली। कुछ पल में ही दुल्हन बनी अनुष्का उर्फ अनु का हाथ पकड़े उसके साथ चली आ रही थी। ममता रह रह कर उसे निहार रही थी आखिर कह उठी-