ख़ब्त - 1

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" विजय के बापू मैंने तो आपसे पहले ही कहा था, पर आपकी जिद्द के सामने मेरी चलती कहा है ? अब देख लिया ना, और जोड़ो सड़कछाप बिरादरी वालो से रिस्ता "..... " सुलोचना अपने कमरे में चली जाओ, वरना चिंगारी को हवा लगते वक्त नही लगता " ! " बस यही दिन देखना बाकी रह गया था, लीजिए और मार डालिये, और अपनी यह भी हसरत पूरी कर लीजिए " ! मेन बाजार पास जगमगाती पुस्तैनी हवेली, लोगो की 24 क्लॉक चहल पहल, मेंन बाजार में रोज अलग-अलग चेहरे, कदम अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने को होते पर