वक्त है मदारी

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पिछले 30 सालों से मेरा उनसे परिचय है । मैंने कभी उन्हें उदास या दुःखी नही देखा । वो हमेशा आक्रामक रहते थे । तावबाज सजल दा को कभी पैसे की कमी नही रही । अच्छी खासी सरकारी नॉकरी में कर्मचारी यूनियन के लीडर भी थे सजल दा । पर उन्होंने शादी नही की । बाप ने कभी कुछ ऐसा कह दिया कि तावबाज सजल ने भीष्म पितामह की तरह आजीवन कुंवारा रहने का संकल्प ले लिया । मोटू गबदु सजल दा बहुत मजाकिया भी हैं । उनके साथ कहीं घूमने चले जाओ तो रास्ता कब कट जाता है