कहानी --- असीम प्रतीक्षा ✍?***********************"तुमने पार्क में मिलने को क्यों बुलाया ? घर ही आ जाती न" --- असीम ने कहा प्रतीक्षा ने इस बात पर कुछ नहीं कहा और तलाक़ के कागज़ असीम की तरफ़ बढ़ा दिए ।"ओह ! तो तुमने आख़िरी फ़ैसला ले ही लिया ।मैने कहा था न इसपर और विचार करना" --- असीम ने बैंच पर बैठते हुए कहा प्रतीक्षा भी उसके नजदीक बैठ गयी और कुछ देर की चुप्पी के बाद उसने कहा --" बहुत सोच-विचार के बाद ही इस निर्णय पर पहुँची हूँ बल्कि कुछ ज्यादा ही सोच लिया ।शादी के बाद चार साल सोचने में