मुलाक़ाती

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“आज सुबह आप से कौन मिलने आया था” “मुझे क्या मालूम मैं तो अपने कमरे में सौ रहा था।” “आप तो बस हर वक़्त सोए ही रहते हैं आप को किसी बात का इल्म नहीं होता हालाँकि आप सब कुछ जानते होते हैं” “ये अजीब मंतिक़ है। अब मुझे क्या मालूम कौन सुबह सवेरे तशरीफ़ लाया था कौन आया होगा। मेरे मिलने वाला या कोई और शख़्स जिसे सिफ़ारिश कराना होगी ”