सिंचाई की कीमत

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(इस कहानी के माध्यम से लेखक मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ ही शिक्षा के महत्व को स्पष्ट करना चाहता है । कहानी में कुछ अवधी बोली के संवादों का प्रयोग किया गया है , जो कि कहानी को जीवंत बनाये रखने हेतु आवश्यक था क्योंकि यह कहानी एक सत्य घटना का वर्णन है । कहानी में होने वाली शाब्दिक त्रुटियों के लिए लेखक क्षमा प्रार्थी है एवं उम्मीद करता है कि पाठकों को पसन्द आएगी । )भाग-1दद्दू किसान ने दिन-रात , मेहनत-मजदूरी करके , किसी तरह भूखे पेट रहकर पाई-पाई जोड़ी और सिंचाई की सरकारी क़ीमत अदा कर दी