ख़्वाबगाह - 13

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तभी वह हादसा हुआ था। मालती अग्रवाल वाला मामला। बेशक वे विनय के लिए आनंद और बदलाव के या मौज मजे के मौके रहे हों, मेरे लिए किसी हादसे से कम नहीं था। तब मैं अपने घर पर ही थी।