जंग-ए-जिंदगी - 4

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जंग-ए-जिंदगी-4 अब भी बापु सब कुछ ख्वाब मे देख रहे है।किस तरह से एक राजकुमारी डाकुरानी बन गई। राजकुमारी दिशाने मंत्री "जगजीतसिंह" का सहारा लिया। एक "सभा" चुपके से बुलाई। सभा मे तकरीबन "200 सो लोग" है। उसने कहा...."मंत्री जगजीतसिंह" मे आपसे पूछती हु क्या आप मेरा साथ देंगे? भले ही आप बड़े बापू के वफादार रहे हैं, फिर भी। जगजीतसिंह को तब याद आया..... महाराजा सुर्यप्रतापसिंह ओर उसकी बाते..... जगजीत; महाराजा,अब हमे ईतनी हमदर्दी दिखाने की कोई आवश्यकता नही ।हर बार वो लोग हमे बहोत बडा नुकसान पहोचाते है।हर बार वो युध्ध के नियमो का उलंघन करते है। ओर