"रीमा बहुत-बहुत बधाई हो! आज तुम्हारा सपना पूरा हो गया। तुम्हारा चुनाव आई.ए.एस. के लिए हो गया। तुम्हारा सपना पूरा हो गया। बस तुम अब सारी चिंता छोड़ दो। जहाँ तुम्हारी पोस्टिंग हो वहाँ चली जाना और मैं भी ट्रांसफर लेकर वहाँ पहुँच जाऊँगा।" कहकर रोहन ने फ़ोन रख दिया। फ़ोन रखते ही रीमा सोचने लगी, 'कि मेरा एक महीने पहले पथरी का ऑपरेशन हुआ था। और वह पिछले एक महीने से अपनी माँ के घर पर अपना और अपने बेटे सोनू के साथ रह रही थी। उसकी बीमार माँ अपने घुटने के दर्द को भूलकर उन दोनों का ख्याल रख रही थी। और रोहन ने एक बार नहीं पूछा कि वो कैसी है?