आज शाम है बहुत उदास

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लोहामंडी..… कृषि कुंज...… इंदरपुरी...… टोडापुर .....ठक ठक ठक.........खटारा ब्लू लाइन के कंडक्टर ने खिड़की से एक हाथ बाहर निकाल बस के टीन को पीटते हुये ज़ोर से गला फाड़कर आवाज़ लगाई, मानो सवारियों के घर-दफ्तरों तक से उन्हे खींच लाने का मंसूबा हो! उस ठक-ठक में आस्था अक्सर टीन का रुदन सुना करती थी, उस दिन भी सुना! जिस बेरहमी से उसे पीटा जाता था, आस्था को उसका रुदन एक वाजिब हरकत जान पड़ती थी! इस तरह बस की बॉडी को पीटने से डिस्टर्ब हुये एक यात्री ने एक भद्दी-सी गली खिड़की से बाहर फेंकी और फिर से ऊँघने का प्रयत्न करने लगा और कुछ मिनट के बाद बस चल पड़ी! 853 नंबर रूट की यह बस इस समय पायल सिनेमा से लोहामंडी की ओर बढ़ रही थी!