नृत्यांगना सुरभि सुरभि ने अपनी माँ को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन टस से मस नहीं हुई, भैया, भाभी और पिताजी को इस बारे में अभी कुछ बताया ही नहीं था। सुरभि जानती थी कि एक बार माँ राजी हो जाए तो घर के सभी सदस्य विनय से उसकी शादी के लिए तैयार हो जाएंगे। यही हाल विनय का भी था उसके घर वाले भी विनय की शादी सुरभि से करने को तैयार नहीं थे। एक तो विजातिय शादी दूसरे विनय और सुरभि दोनों बेरोजगार, कोई काम धंधा नहीं बस प्यार के सहारे ही दोनों एक दूसरे को अपनाने