मेरे दिल का हाल - भाग - 4

(18)
  • 8.3k
  • 5
  • 5.4k

ज़ईम के जाते ही शायान सोफे पर बड़ी ज़ोर से गिरा था। "भाई की शक्ल देखने लायक थी" शायान ने अपना पेट पकड़ा हंसते हंसते उसका पेट दुख गया था। "तुम हंस रहे हो और यहां मेरी जान निकली जा रही थी" मायरा वही ज़मीन पर बैठ गई।। "सच में आपी... भाई आपको सिर से पैर तक ऐसे देख रहे थे जैसे कोई अनहोनी चीज देख ली हो" "हां ये तो है.... ज़ईम का मुंह ऐसे खुला था" मायरा ने मुंह बना कर दिखाया। दोनों एक साथ जोर से हंस दिए।"आपी मैं जरा भाई से मिलकर आता हूं देखूं तो सही अब उनका