एक बड़े से मैदान मे नेताजी भाषण दे रहे थे " भाइयों और बहनों यह आपकी सरकार इतनी सुस्त है कि उससे कोई काम नहीं होता , अपराधी खुले मे घूम रहें हैं ,सड़कें खुदी पडी हैं , महिलाओं का दिन मे भी बाहर निकालना मुश्किल हैं। बच्चों के पढ़ने के लिए उच्चकोटि के विद्यालय नहीं हैं। युवाओं के लिए नौकरीयाँ नहीं हैं।"नेताजी जोश में तत्कालीन सरकार के विरुद्ध बोलकर अपना विपक्षी पार्टी के नेता होने का कर्तव्य पूरा कर रहे थे।लोगों की भीड़ धक्का मुक्की करते हुए , पसीने से तरबतर , कड़ी दोपहर मे नेताजी को बड़े ध्यान