छूटी गलियाँ - 15

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नेहा जी मुझे पता नहीं है आपको क्या परेशानी है और पता नहीं मैं इसमें कोई मदद भी कर सकता हूँ या नहीं लेकिन एक बार कह कर तो देखिये आपका मन कुछ हल्का हो जायेगा मैंने फिर कोशिश की। उसने तो जैसे कुछ सुना ही नहीं लेकिन फिर बड़बड़ाने लगी, अब क्या ठीक होगा लगता है अब तो सब कुछ ही बिगड़ जायेगा, राहुल को सब पता चल जायेगा पता नहीं फिर वह कैसे रिएक्ट करेगा। कैसे उसे संभालूँगी, कैसे उसके सवालों के जवाब दूँगी। फिर उसने मेरी तरफ देखा सीधे मेरी आँखों में और घबराये से स्वर में बोली मैं क्या करूँ कुछ समझ नहीं आ रहा है।