आखरी मोहब्बत...  

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मोहब्बत है मुझे उस से, ये उसे पता नहीं, आज से नहीं कई सालों से है, हाँ लेकिन उसे पता नहीं. चाँद तक जाने का वादा नहीं है, हाँ इस दुनियां के कई चक्कर लगा सकता हूँ उसकी एक झलक पाने को इतना पता है मुझे हाँ मोहब्बत है मुझे उस से उसे पता नहीं है ये भी पता है मुझे... ये शब्द विक्रम के थे, ईशा के लिए.... ईशा वो लड़की थी, विक्रम की जिंदगी कि जिसके लिए विक्रम इस दुनियां में था ही नहीं और विक्रम के लिए ईशा उसकी पूरी दुनियां थी. ईशा के नाम पर