पतझड़ पंडित नारायण राव अक्सर सोहन के पास आकार बैठ जाया करते, अपनी कोयले वाली प्रैस से सोहन लोगों के कपड़े प्रैस करता रहता और पंडितजी उसको देश दुनिया की तमाम बातें बताते रहते। पूरे गाँव में सोहन ही एकमात्र धोबी था, पूरे गाँव के लोगों के कपड़े धोना और प्रैस करना उस अकेले की ही ज़िम्मेदारी थी। सोहन की पत्नी ललिता को नौवाँ महीना चल रहा था अतः ऐसे में वह सोहन का हाथ भी नहीं बंटा सकती थी, ना जाने कब प्रसव पीड़ा हो जाए यही सोच कर सोहन ने ललिता को घर में ही आराम करने को