पहला प्यार (भाग-3)

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स्कूल से घर आने के बाद अनगिनत विचार मेरे मन में आने लगे। "शीतल से बिना पूछे ये तस्वीर उसके किताब से निकाल कर मैंने कुछ गलत तो नही कर दी???..  क्या वो इसे ढूंढ रही होगी??.. और ऐसे कई सवाल मुझे परेसान करने लगे थे।बैचैनी बढ़ती जा रही थी। मैं छत्त पर गया और शीतल की बालकनी की तरफ देखने लगा। अक्सर वो इस समय  वहाँ किताब पढ़ती नजर आती थी। मगर आज मेरे घंटो इंतजार करने के बाद भी वो एक बार भी नजर नही आई। मुझसे अब रहा नही गया और मैं शीतल के घर चला गया।उसके पिता