61 “क्या हुआ, जीत?” वफ़ाई जीत की तरफ दौड़ी, जीत का हाथ अपने हाथ में लिया, “जीत, जीत. तुम ठीक तो हो?” वफ़ाई के शब्द हवा में ही रह गये। जीत ने उसे नहीं सुना। जीत अभी भी हाँफ रहा था। उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। वफ़ाई को कुछ समज नहीं आया कि क्या हो रहा है? क्या किया जाय? दो चार क्षण वह सोचती रही, फिर दौड़कर पानी ले आई, जीत को पिलाने लगी, “थोड़ा पी लो। तुम थोड़ा विश्राम करो। मैं कहीं से किसी डॉक्टर को लेकर आती हूँ।“ जीत ने पानी पिया। पानी