छूटी गलियाँ - 11

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अरे बहुत देर हो गयी मुझे चलना चाहिये नेहा ने बाहर देखते हुए कहा, लेकिन हमारी समस्या तो वहीँ की वहीँ है क्या किया जाये? वह वाकई बहुत चिंतित थी। देखिये उसे बताना तो पड़ेगा ही। अब देखना ये है कि क्या, कितना और कैसे बताना है मैं इस बारे में सोचता हूँ, हो सके तो कल मिल कर सारी रूप रेखा बनाते हैं। ठीक है, कहते हुए नेहा खड़ी हो गयी।