रात के ११बजे - भाग - ८

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किया करता था। उसके पास समय का बहुत अभाव होता था। वह शाम को एक-दो घण्टों के लिये ही पल्लवी से मिल सकता था। पल्लवी से मिलकर आनन्द की दिनचर्या बदल गई थी। उसे लगने लगा था कि पल्लवी के आने से उसके जीवन का अभाव दूर हो गया है। वे प्रायः किसी होटल या रेस्टारेण्ट में मिला करते थे। आनन्द जब शाम को पल्लवी से मिलता था तो वह अपनी स्क्रीन लगी हुई कार का प्रयोग करता था। सामान्यतः वह नंगे सिर रहा करता था किन्तु जब वह पल्लवी के साथ होता था तो उसके सिर पर कैप लगा