स्यामीज

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'अरे वाह, ये तो दो कठपुतलियां हैं, एक ही काठ के टुकडे पर आगे - पीछे बनाई गईं. भारतीय कला का बडा अद्भुत नमूना हैं यह भी ! इधर से देखो तो मानसी, उधर से देखो तो रूपसी. यूं नचाओ तो मानसी, वैसे लचकाओ तो रूपसी. क्या बताया था तुमने, रूपसी यानि 'सुन्दर स्त्री' और मानसी याने 'बुद्धिमान स्त्री'. वाह, भई वाह!' मैं हैरान होती हूँ