हिम स्पर्श- 59

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59 “यह सुंदर तो है।“ जीत ने अभी अभी वफ़ाई का जो चित्र रचा था उसे देखकर वफ़ाई बोली। जीत ने प्रतिक्रिया नहीं दी। “जीत, तुम यदि किसी यौवना को केनवास पर चित्रित करना चाहते हो तो तुम्हें अधिक प्रयास करना होगा, अधिक अभ्यास करना होगा।“ वफ़ाई ने तीन बार पलकें खोल बंध की। “कैसा प्रयास? कैसा अभ्यास?” “उतावले हो रहे हो तुम जीत। अब यह ना कहना कि तुम्हारे पास समय का अभाव है।“ वफ़ाई हंसी। यही सत्य है वफ़ाई, कि मेरे पास समय नहीं है। कैसे समझाऊँ मैं तुम्हें? जीत ने वफ़ाई को बोलने दिया। “एक सुंदर यौवना