छूटी गलियाँ - 4

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साब बंद करने का टाइम हो गया है पार्क के चौकीदार की आवाज़ ने तन्द्रा भंग की। रात के सन्नाटे में खुद को पार्क में अकेला पाकर अकेलेपन और रिक्तता का एहसास और गहरा गया थके कदमों से पार्क के बाहर आया एक सिगरेट ली और धीरे धीरे घर की और चल पड़ा।