रात के ११बजे - भाग - ३

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मानसी ने तीन माह तक राकेश से कोई संपर्क नहीं किया। राकेश भी यह सोचकर कि किसी जरुरतमन्द की मदद की है दस हजार रूपयों की बात भूल गया था। एक दिन अचानक मानसी का फोन आया- आप कैसे हैं ? ठीक हूँ। तुम कैसी हो ? मैं भी अच्छी हूँ। आपने तो पिछले तीन माह में एक बार भी मेरी खोज-खबर नहीं ली ? मैंने सोचा तुम अपने काम में लगी होगी। जब मिलोगी तो बात करुंगा। मैं दो माह तक अस्पताल में भरती रही। आपने एक बार भी मेरी हालत जानने का प्रयास नहीं किया। सुनकर राकेश को