अगला चरित्र उनकी एक कहानी बृहस्पतिवार का व्रत’ व्रत पूजा को ले कर है इसके बारे में अमृता लिखती हैं बृहस्पतिवार का व्रत’ कहानी उस ज़मीन पर खड़ी है, जिससे मैं वाकिफ नहीं थी। एक बार एक अजनबी लड़की ने आकर मिन्नत-सी की कि मैं उसकी कहानी लिख दूँ। और एक ही साँस में उसने कह दिया—‘मैं कॉलगर्ल हूँ। ’ उसी से, तन-बदन बेचने वाली लड़कियों के रोज़गार का कुछ अता-पता लिया, और उसके अंतर में पलती हुई उस पीड़ा को जाना, जो घर का एक स्वप्न लिए हुए, मन्नत-मुराद माँगती हैं किसी आने वाले जन्म के लिए....