सच बोले

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एक राजा था उसे चित्र बनाने का बहुत शौक था वह चित्र बनाने का बहुत प्रयास करता था लेकिन वह सही तरीके से चित्र नहीं बना पाता था सुबह सुबह राजा रोज एक चित्र बनाता और दोपहर के टाइम दरबार में अपने राज्य के सारे जाने-माने चित्रकार को अपने चित्र को जांचने के लिए बुलाता। राज्य के चित्रकार भी राजा के खराब से खराब चित्र को अच्छा बताते। और बढ़ चढ़कर चित्र की तारीफ राजा के सामने करते थे। इसी पर राजा उन्हें कई सोने के सिक्के हीरे जेवरात देता था। एक दिन ऐसे ही राजा ने एक चित्र बनाया और अपने राज्य