खट्टी कैरी

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खट्टी कैरी “आज मैं बिलकुल भी नहीं रुकूँगी, सीधे घर जाऊँगी, रोजाना माँ से डांट खानी पड़ती है सब बच्चे तो स्कूल से जल्दी आ जाते हैं, तू कहाँ रह जाती है इतनी देर तक” योगेश को इतना कहकर स्कूल से निकल कर सुनीता तेज तेज कदमों से घर की तरफ चल पड़ी। “सुनीता! रुको तो जरा, अच्छा आज मैं ज्यादा देर तक नहीं रोकूँगा, बस थोड़ी देर के लिए तो रुक जाओ, उस पेड़ पर बड़ी खट्टी कैरी लगीं हैं, मैं स्वयं पेड़ पर चढ़ कर तेरे लिए कैरी तोड़ कर, अपने हाथों से छील कर तुझे खिलाऊँगा, क्या