सिक्षा - Update education system

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बात ये ऐसी है थोड़ी गहराई से समझना,पहले परिस्थतिया जुदी थी अब जुदी है।थोड़ा नजरिया तो बदलो की,आज जो रट रहे हो वो कल की रदी है ।।पुराने फूलों को खुशबू देकर बेचना छोड़ दो,सब की जरूरते बदलदी अब सरस्वती जी की भी बदल दो।थोड़ा नजरिया तो बदलो की,जिसे जिस खेल की जरूरत है उसे उस तरफ मोड़ दो।।केसी ये बीमारी है कि दवाए बढ़ रही है ,दवा तो बदल रही है पर बीमारी वहीं है ।थोड़ा नजरिया तो बदलो की,देस की कुछ जीमरेदरिया हमारी भी है।।किसी को राज से सिकायत ,किसी को system से सिकायत ।थोड़ा नजरिया तो बदलो