अच्छाईयां -४

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भाग – ४ सूरज अब अपने काम में खो गया | कोलेज में कुछ कुछ छात्र आ रहे थे, वे सूरज को देख रहे थे मगर वो कोई पियानो ठीक करनेवाला होगा ऐसा सोच के अपने अपने क्लास की ओर चले जाते थे | करीब दो घंटे निकल गए... सूरज वो पियानो में फिरसे जान भर देना चाहता था, वो हरएक सूर को सही करके अपना कम कर रहा था.... और आखिरकार उनको सफलता मिल ही गई | दूरसे एक छोटी लड़की सूरज को ही देख रही थी... वो करीब चार-पांच साल की होगी... उनके हाथोमें छोटी सी बांसुरी थी,