तलाक़ लेने के बाद वो बिलकुल नचनत होगई थी। अब वो हर रोज़ की वानिता कुल कुल और मार कटाई नहीं थे। निक्की बड़े आराम-ओ-इत्मिनान से अपना गुज़र औक़ात कर रही थी। ये तलाक़ पूरे दस बरस के बाद हुई थी। निक्की का शौहर बहुत ज़ालिम था। प्रले दर्जे का निखट्टू् और शराबी कबाबी। भंग चरस की भी लत थी। कई कई दिन भंगड़ ख़ानों में और तकीयों में पड़ा रहता था। एक लड़का हुआ था। वो पैदा होते ही मर गया। बरस के बाद एक लड़की हुई जो ज़िंदा थी और अब नौ बरस की थी।