नया क़ानून

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मंगू कोचवान अपने अड्डे में बहुत अक़लमंद आदमी समझा जाता था। गो उस की तालीमी हैसियत सिफ़र के बराबर थी और उस ने कभी स्कूल का मुँह भी नहीं देखा था लेकिन इस के बावजूद उसे दुनिया भर की चीज़ों का इल्म था। अड्डे के वो तमाम कोचवान जिन को ये जानने की ख़्वाहिश होती थी कि दुनिया के अंदर क्या हो रहा है उस्ताद मंगू की वसीअमालूमात से अच्छी तरह वाक़िफ़ थे।