नव्या का प्यार

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   ठंडी हवा का जौंका नव्या के बालो को छु रहा था। कशमीर की उस सुनहरी सुबह मे नव्या खिडकी के पास बेठी हुइ थी। कुछ गहरी सोच मे थी। कीसीसे ज्यादा बात नही करती थी बस अपने ही सोच मे खोयी रहती थी।    नव्या बेटा ऑफिस जाना है देर हो जायेगी। उसकी मां की आवाज से अपनी सोच से बहार आकर ऑफिस चली जाती है। बेटा नाश्ता तो कर ले ये लडकी ऐसा ही करती है, बबडाते हुए उसकी मा किचन मे चली जाती है।  ओफीस पहोचती है,सभी लोग आपस मे बात कर रहे है ।यार ये इतनी सुदंर