आस्था के रंग

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एक ही पेशा था हम दोनों का, और अक्सर किसी बड़े काम में दोनों साथ मिलकर काम को अंजाम दिया करते थे। इस बार भी ऐसा काम हाथ में आया तो पूरे योजनाबद्ध तरीके से हमने उसे अंजाम दिया और मंदिर से दूर निकल आये। हमेशा की तरह चोरी किये माल की गठरी के दो हिस्से करने के साथ मैं सामान की कीमत का आंकलन कर रहा था जब उसने कहा, मुझे लगता हैं कि हमें यह सब नहीं करना चाहिए था।“ तुम पीछे किसी सबूत छूट जाने के बारें में सोच रहे हो क्या?” मुझे लगा कि शायद ऑपरेशन में कोई गलती कर दी है हमनें।