भगवान ने चाहा तो आज रात तुम मुझे नही देखोगी।नेहा स्तब्ध थी ऐसे शब्दों का प्रयोग मन को झगझोड़ देने वाला था,कोई इतना कठोर होकर कैसे जीवन खुशी से बिता सकता था, क्या हुआ माँ ,कोई बात हुई है क्या ,पापा नाराज़ हो गए,और ऐसे शब्द क्यों निकाल रहे है, पता नही बेटा अभी तो बढ़िया बैठे थे, अखबार पढ़ रहे थे , मैंने बस इतना कहा कि जो मिठाई के डब्बे आपको ले जाने है वो ले जाओ बाकी मैं अपने हिसाब से देख लूँगी, अचानक बड़बड़ करने लगे, हमेशा की तरह वो बस बोलते जा रहे थे और