आखिरी ख्वाहिश

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वे दोनों एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र भी थे और दोनों एक दूसरे को अपनी हर बात शेयर करते थे। सेजल सम्पन्न परिवार से थी और आशू मध्यम वर्गीय परिवार से था। दोनों के घर पास होने के कारण दोनों के परिवारों के बीच पारस्परिक संबंध अच्छे थे। सेजल बेहद खूबसूरत थी जो उम्र बढ़ने के साथ साथ उसकी खूबसूरती भी बढ़ती जा रही थी। एक सुबह सेजल अपनी स्कूटी लेकर आशू के घर पहुची। आशूउऊ अबे पागल! निकल ना बाहर कॉलेज ? को लेट हो रहा है यार, आंटी निकालो ना इसे कुंभकरण को सो रहा होगा। क्यूँ सुबह सुबह से गला फाड़ रही हैं रावण की नानी चल बैठ।