याद (कविता संग्रह )

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१-याद:-जब नेत्र खुलते है मेरे जब मधुर भोर हो जाती है तब याद तुम्हारी आती है!प्रिये याद तुम्हारी आती है!फूल खील उठते है बागों मैं भंवरे गाने लगते है सात सुरों के रागों में जब कोयल अपना मधुर गीत सुनाती है!तब याद तुम्हारी आती है!प्रिये याद तुम्हारी आती हैजब मन मेरा कभी उदास होता है जीवन से जब कभी निराश होता है!जब कमी तुम्हारी इस दिल को बहोत सताती है!तब याद तुम्हारी आती हैप्रिये याद तुम्हारी आती है!कितना प्रेम है मुझको तुमसे आज जान लो तुम कसम से बीना तुम्हारे सच कहता हूँ!मेरी धड़कन भी रुक जाती है!जब याद तुम्हारी आती है प्रिये याद तुम्हारी आती है२:-जब जब