स्वाभिमान - लघुकथा - 36

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“ऑन्टी हम कल से सिर्फ बर्तन धोएंगे। रसोई का बाकी काम न करेंगे ।” “ क्यों ,क्या दिक्कत है? तुम्हें बर्तनों के लिए 600 देते हैं। रसोई साफ करने ,सब्जी काटने के अलग से 200 देते हैं न !” “ऑन्टी ,6 नम्बर वाली गली में एक नयी संस्था खुली है। वो हमें पढ़ाएंगे ।बहुत सी लड़कियां -जो स्कूल छोड़ चुकी हैं ,वो सब वहाँ पढ़ने जा रही है। कल से हम भी जाएंगे ।”