उत्तरा देवी : एक संघर्ष - Episode 2

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एपिसोड 2धीरे धीरे बढ़ रहे कदमों की आवाज शांत कमरे में जो सन्नाटा छाया हुआ था उसे चीर रही थी। धीर-गंभीर मुद्रा, धोती और अंग वस्त्र, श्याम वर्ण और मध्यम शरीर - यह पुरुष कमरे में प्रवेश करके विशेष चंद्र की ओर बढ़ रहा था। विशेषचंद्र अपनी कुर्सी पर बैठकर कुछ लिख रहे थे। यह पुरुष उनके पास गया और नज़दीक पड़े आसन को ज़मीन पर बिछाकर बैठ गया। विशेषचंद्र ने एक नज़र उसको देखा , फिर वापस अपने लेखन कार्य में जुट गए। कुछ देर कमरे में ऐसे ही सन्नाटा छाया रहा। खिड़की से अंदर आती हुइ हवाओ की